सूरज की तपिश और बेमौसम बरसात को हमने हंस कर झेला है
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सूरज की तपिश और बेमौसम बरसात को हमने हंस कर झेला है,
मुसीबतों से भरे दलदल में हमने अपनी जिंदगी को धंस कर ठेला है,
यूँ ही नहीं कदम चूम रही है सफलता आज इस खुले आसमान तले
ज़माने भर के नामों को पीछे छोड़ा है तब जाकर हमारा नाम फैला है।
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सूरज की तपिश और बेमौसम बरसात को हमने हंस कर झेला है,
मुसीबतों से भरे दलदल में हमने अपनी जिंदगी को धंस कर ठेला है,
यूँ ही नहीं कदम चूम रही है सफलता आज इस खुले आसमान तले
ज़माने भर के नामों को पीछे छोड़ा है तब जाकर हमारा नाम फैला है।
Sooraj kee tapish aur bemausam barasaat ko hamane hans kar jhela hai,
Museebaton se bhare daladal mein hamane apanee jindagee ko dhans kar thela hai,
Yoon hee nahin kadam choom rahee hai saphalata aaj is khule aasamaan tale
Zamaane bhar ke naamon ko peechhe chhoda hai tab jaakar hamaara naam phaila hai.
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