वक्त के मरहम पे आखिर फिर भरोसा हो गया है
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वक्त के मरहम पे आखिर फिर भरोसा हो गया है
जागता नासूर था एक आज थक के सो गया है
राहतों की चाँदनी मेरे मुकद्दर में लिखो अब
जिंदगी फिर से मिलेगी बीज मैंने बो दिया है
Vakt ke maraham pe aakhir phir bharosa ho gaya hai
Jaagata naasoor tha ek aaj thak ke so gaya hai
Raahaton kee chaandanee mere mukaddar mein likho ab
Jindagee phir se milegee beej mainne bo diya hai
Today's Quote
I kind of wish I would have been able to see the old Yankee Stadium after seeing the new one.
Quote Of The DayToday's Shayari
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लकीरें देख कर बोला,
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Today's Prayer
By the reason of my seated position in heavenly places, I shall be above only, I shall not be beneath....
Prayer Of The Day