मैं हूँ पतंग ए काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में
Popular Shayari Topics for You.
मैं हूँ पतंग-ए-काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में
चाहा इधर घटा दिया चाहा उधर बढ़ा दिया
- नज़ीर अकबराबादी
feelthewords.com
मैं हूँ पतंग-ए-काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में
चाहा इधर घटा दिया चाहा उधर बढ़ा दिया
- नज़ीर अकबराबादी
Main hoon patang-e-kaagazee dor hai us ke haath mein,
Chaaha idhar ghata diya chaaha udhar badha diya !!
- Nazeer Akabaraabaadee ~
Today's Quote
I kind of wish I would have been able to see the old Yankee Stadium after seeing the new one.
Quote Of The DayToday's Shayari
हाथ पढ़ने वाले ने तो परेशानी में डाल दिया मुझे...
लकीरें देख कर बोला,
तु मौत से नहीं, किसी की...
Today's Joke
किसी ने कहा मेरा बाथरुम 10 लाख का है
तो किसी ने 20 लाख का बताया
तभी एक ने 50...
Today's Prayer
By the reason of my seated position in heavenly places, I shall be above only, I shall not be beneath....
Prayer Of The Day