मेरी जरूरतें और ख्वाहिशें जब बड़ी हो गई,
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मेरी जरूरतें और ख्वाहिशें जब बड़ी हो गई,
ऐसा लगा कि आँखों के सामने खड़ी हो मुंबई।
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मेरी जरूरतें और ख्वाहिशें जब बड़ी हो गई,
ऐसा लगा कि आँखों के सामने खड़ी हो मुंबई।
Meree jarooraten aur khvaahishen jab badee ho gaee,
Aisa laga ki aankhon ke saamane khadee ho mumbee.
Today's Quote
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Quote Of The DayToday's Shayari
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