बस एक मेरा हैं भाग्य मोहन कि जिसमें हो कर भी तुम नही हो
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हो काल-गति से परे चिरंतन अभी वहाँ थे, अभी यहाँ हो,
कभी धरा पर, कभी गगन में, कभी कहाँ थे, कभी कहाँ हो,
तुम्हारी राधा को भान हैं तुम सकल चराचर में हो समायें,
बस एक मेरा हैं भाग्य मोहन कि जिसमें हो कर भी तुम नही हो.
Ho kaal-gati se pare chirantan abhee vahaan the, abhee yahaan ho,
Kabhee dhara par, kabhee gagan mein, kabhee kahaan the, kabhee kahaan ho,
Tumhaaree raadha ko bhaan hain tum sakal charaachar mein ho samaayen,
Bas ek mera hain bhaagy mohan ki jisamen ho kar bhee tum nahee ho.
Today's Quote
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Quote Of The DayToday's Shayari
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Today's Prayer
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Prayer Of The Day