प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की
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प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की,
मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है।
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प्यास तो मर कर भी नहीं बुझती ज़माने की,
मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है।
Pyaas to mar kar bhee nahin bujhatee zamaane kee,
Murde bhee jaate jaate gangaajal ka ghoont maangate hai.
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