नजरों के झुक जाने को बेमतलब न समझना हुजूर
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नजरों के झुक जाने को बेमतलब न समझना हुजूर
हया के दायरे मे रह कर इकरार किया है हमने
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नजरों के झुक जाने को बेमतलब न समझना हुजूर
हया के दायरे मे रह कर इकरार किया है हमने
Najaron ke jhuk jaane ko bematalab na samajhana hujoor
Haya ke daayare me rah kar ikaraar kiya hai hamane
Today's Quote
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Quote Of The DayToday's Shayari
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