जाने कहाँ थे और चले थे कहाँ से हम
Popular Shayari Topics for You.
जाने कहाँ थे और चले थे कहाँ से हम,
बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम,
ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर,
दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम।
~ Ahmad Nadeem Qasimi
feelthewords.com
जाने कहाँ थे और चले थे कहाँ से हम,
बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम,
ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर,
दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम।
~ Ahmad Nadeem Qasimi
Jaane Kahan The Aur Chale The Kahaan Se Ham,
Bedaar Ho Gaye Kisi Khwaab-E-Giraan Se Ham,
Ai Nau-Bahaar-E-Naaz Teri Nikahaton Ki Khair,
Daaman Jhatak Ke Nikle Tere Gulsitaan Se Ham.
Today's Quote
I kind of wish I would have been able to see the old Yankee Stadium after seeing the new one.
Quote Of The DayToday's Shayari
हाथ पढ़ने वाले ने तो परेशानी में डाल दिया मुझे...
लकीरें देख कर बोला,
तु मौत से नहीं, किसी की...
Today's Joke
किसी ने कहा मेरा बाथरुम 10 लाख का है
तो किसी ने 20 लाख का बताया
तभी एक ने 50...
Today's Prayer
By the reason of my seated position in heavenly places, I shall be above only, I shall not be beneath....
Prayer Of The Day