बुलन्दियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी
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बुलन्दियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी,
लेकिन दूसरो को रौंदने का हुनर कहां से लाता।
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बुलन्दियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी,
लेकिन दूसरो को रौंदने का हुनर कहां से लाता।
Bulandiyon ko paane kee khvaahish to bahut thee,
Lekin doosaro ko raundane ka hunar kahaan se laata.
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