निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को
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निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को
कमबख्त बोल बैठी देखो जी नक़ल करना जुर्म है
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निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को
कमबख्त बोल बैठी देखो जी नक़ल करना जुर्म है
Nihaar raha tha usake chehare kee khulee kitaab ko
Kamabakht bol baithee dekho jee naqal karana jurm hai
Today's Quote
I kind of wish I would have been able to see the old Yankee Stadium after seeing the new one.
Quote Of The DayToday's Shayari
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Today's Prayer
By the reason of my seated position in heavenly places, I shall be above only, I shall not be beneath....
Prayer Of The Day