तमाम नींदें गिरवी हैं हमारी उसके पास
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तमाम नींदें गिरवी हैं हमारी उसके पास,
जिससे ज़रा सी मुहब्बत की थी हमनें।
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तमाम नींदें गिरवी हैं हमारी उसके पास,
जिससे ज़रा सी मुहब्बत की थी हमनें।
Tamaam neenden giravee hain hamaaree usake paas,
Jisase zara see muhabbat kee thee hamanen.
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