क़ुव्वत ए तामीर थी कैसी ख़स ओ ख़ाशाक में
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क़ुव्वत-ए-तामीर थी कैसी ख़स-ओ-ख़ाशाक में
आँधियाँ चलती रहीं और आशियाँ बनता गया
(क़ुव्वत-ए-तामीर = निर्माण की ताक़त; ख़स-ओ-ख़ाशाक = सुखी घास)
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क़ुव्वत-ए-तामीर थी कैसी ख़स-ओ-ख़ाशाक में
आँधियाँ चलती रहीं और आशियाँ बनता गया
(क़ुव्वत-ए-तामीर = निर्माण की ताक़त; ख़स-ओ-ख़ाशाक = सुखी घास)
Kuvvat-e-taameer thi kaisi khas-o-khashaak mein
Aandhiyan chalti rahi aur aashiyaan banta gaya
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